हेलो दोस्तों स्वागत करता हूं आज एक बहुत ही ज्यादा इंपॉर्टेंट लेख में आज हम इस लेख में बात करेंगे ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट में क्या अंतर होता है क्योंकि जो बिगनर होते हैं या जो मार्केट में कुछ ही दिन से कम कर रहे हैं
उनको बहुत ही कंफ्यूजन होता है कि इन्वेस्टमेंट करें या ट्रेडिंग करें तो आज के इस लेख में हम शेयर बाजार में ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग में क्या अंतर है के बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाला हूं
जिसको पढ़कर आपको यह सुनिश्चित कर पाएंगे कि आपको निवेश करना है या इंट्राडे ट्रेडिंग करना है जैसे जो बिगनर मार्केट में नया-नया आता है उसको दोनों एक समान लगता है लेकिन ऐसा नहीं होता है इन्वेस्टमेंट आप लंबे समय के लिए करते हैं और ट्रेडिंगआप छोटे समय के लिए करते हैं
ट्रेडिंग कितने प्रकार का होता है
ट्रेडिंग मुख्य रूप से 6 प्रकार का होता है तो चलिए हम 6 प्रकार को अच्छा से एनालाइज करें
1 Intraday Trading
जिसमें हम सुबह 9:15 मिनट पर मार्केट ओपन होता है तो हम एक इंट्राडे में पोजीशन बनाते हैं जिसको हमें 3:30 पर बेचना होता है अगर हम पोजीशन कट नहीं करेंगे तो ऑटोमेटिक पोजीशन कट हो जाता है जिसे हम इंट्राडे ट्रेडिंग बोलते हैं इसको आप इसको किसी कंपनी के शेयर में कर सकते हैं
2 Position Trading
जब भी हमें लगता है आने वाले दिनों में कंपनी का शेर में काफी उछाल देखने को मिलेगा तो हम उसमें 5 या 6 या 10 दिनों के लिए एक पोजीशन बना लेते हैं इसमें हमें या तो थोड़ा मुनाफा या थोड़ा सा घाटा होता है और हम खुद से उसकी सेलकर देते हैं तो उसे पोजीशनल ट्रेडिंग कहा जाता है
पूछना ट्रेडिंग करने के लिए हमें बहुत ही डीप नॉलेज होने की आवश्यकता होती है क्योंकि जब भी आपको जिसने करते हैं तो इसमें क्वांटिटी ज्यादा लेती है तो आपको ज्यादा प्रॉफिट और ज्यादा घाटा होने का भी चांस होता है
3 Swing Trading
जो लोग बिजनेस से आज जॉब करते हैं उनके लिए स्विंग ट्रेडिंग बहुत ही अच्छा अपॉर्चुनिटी माना जाता है क्योंकि इसमें लॉस होने की संभावना बहुत कम हो जाता है किसके साथ ही प्रॉफिट भी बहुत कम होता है पोजीशनल ट्रेडिंग के लिए हमें किसी भी कंपनी के शेर को अच्छा से एनालाइज करना होता है फिर जाकर उसने हम अपना पैसा इन्वेस्टमेंट करते हैं
ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको शेयर बाजार की अच्छी सी जानकारी होनी चाहिए क्योंकि इसमें पोजीशन एक हफ्ता से दो हफ्ता तक का ही होता है
अगर आप चाहे तो इसको लंबे समय के लिए होल्ड कर सकते हैं लेकिन ऐसा नहीं किया जाता है क्योंकि आपको कुछ ही दिनों में 10 से 15% का प्रॉफिट हो जाता है तो आप अपना प्रॉफिट को निकाल लेते हैं
4 Scalping Trading
स्काल्पिंग ट्रेडिंग बहुत ही रिस्की ट्रेडिंग स्टाइल होता है क्योंकि इसमें आपको तुरंत बाई और तुरंत सेल करना होता है इस वजह से आपको थोड़ा सा घटा भी हो सकता है
स्काल्पिंग तब किया जाता है जब आपको लगता है कि यहां से प्राइस का आप ऊपर जाना निश्चित हो गया है या यहां से अब नीचे आने वाला है तब हम उसको स्काल्पिंग करते हैं
स्काल्पिंग को 3 से 5 मिनट के लिए ही होल्ड किया जाता है क्योंकि एक मोमेंटम ट्रेड होता है
आप जब भी स्काल्पिंग करें आपको कुछ बातों को ध्यान रखना होता है जिससे आपको नुकसान होने का चांस बहुत कम हो जाता है जब कभी भी सपोर्ट या रेजिस्टेंस के पास शेयर का प्राइस हो तभी जाकर हमें स्काल्पिंग करना चाहिए क्योंकि उसे वक्त प्रॉफिट होने की प्रोबेबिलिटी ज्यादा हो जाता है साइड वेज मार्केट में स्काल्पिंग नहीं किया जाता है
5 Option Trading
शेयर बाजार में सबसे रिस्क से भरा ऑप्शन ट्रेडिंग को ही माना जाता है क्योंकि ऑप्शन ट्रेडिंग में 95% से ज्यादा लॉस करते हैं और 5% प्रॉफिट करते हैं
अगर आप ऑप्शन ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो निफ्टी और बैंक निफ़्टी फाइनेंस निफ़्टी मिडकैप निफ़्टी में कर सकते हैं और अगर आप बिगनर है तो हम आपको सजेस्ट करूंगा कि आप केवल और केवल निफ्टी और मीट केक निफ्टी में ही करें क्योंकि इसमें की उतराव चढ़ा काम होता है
ऑप्शन ट्रेडिंग करने के लिए आपको एक अच्छा टेक्निकल एनालाइज और एक अच्छी माइंडसेट की आवश्यकता होती है तब जाकर आप एक अच्छा प्रॉफिटेबल ट्रेंड बन सकते हैं
अगर आप इसमें प्रॉफिटेबल बनना चाहते हैं तो आपको दिन का 10 से 15% ही प्रॉफिट करना चाहिए
6 Stock Trading
अगर आप मार्केट में नए हो या बिगनर हो तो आप आप ऑप्शन ट्रेडिंग ना कर कर आप स्टॉप ट्रेडिंग कर सकते हैं क्योंकि इसमें लॉस होने की प्रोबेबिलिटी बहुत कम होती है
स्टॉक ट्रेडिंग में आपकी कैपिटल कुछ ज्यादा चाहिए कम से कम 15 से 20000 तो आप एक Lot बाय कर सकते हैं
स्टॉक ट्रेडिंग हर कंपनी में अवेलेबल नहीं होता है कुछ ही इंपॉर्टेंट कंपनी में ही है
Investment क्या होता है|
दोस्तों चलिए आज हम इन्वेस्टमेंट के बारे में संपूर्ण जानकारी दे रहा हूं आपको
जैसा कि आप जानते हैं इन्वेस्टमेंट कभी भी एक या दो महीना के लिए नहीं किया जाता है इन्वेस्टमेंट आपको कम से कम 5 या 10 सालों के लिए ही किया जाता है
क्योंकि जब आप लंबे समय के लिए निवेश करेंगे तो आपको हाय प्रोबेबिलिटी होता है कि आप प्रॉफिट ही करेंगे क्योंकि इसमें आप किसी अच्छा कंपनी के शेयर में निवेश कर देते हैं और आप एक लंबे समय का इंतजार करते हैं जब वह अच्छा समय आता है तो आप होल्ड को स्क्वायर ऑफ कर देते हैं और अपना प्रॉफिट को बुक कर लेते हैं
अगर आप इन्वेस्टमेंट करना चाहते हैं तो आपको कुछ बातों की जानकारी जरूर होना चाहिए जिससे आपको नुकसान होने की प्रोबेबिलिटी काम हो जाएगी
सबसे पहले आपको फंडामेंटल एनालिसिस करना बहुत ही आवश्यकता होता है तभी आप जान पाएंगे कि भविष्य में इसका प्राइस ऊपर जाएगा नीचे
आप जब भी फंडामेंटल एनालाइज करें तो कंपनी का मार्केट कैप कंपनी का कार्य कंपनी का पी रेशों कंपनी पर कितना कर्ज है इन सबको अच्छा से एनालाइज करना होता है तब जाकर आप किसी कंपनी में एक सेफ निवेश कर सकते हैं
बड़े-बड़े दिग्गजों का मानना है कि लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट सबसे अच्छा इन्वेस्टमेंट माना जाता है आप जब भी निवेश करें एक लंबे समय के लिए ही निवेश करें क्योंकि कंपनी में उतराव चढ़ाव का माहौल बना रहता है जिस वजह से आप अगर छोटे समय के लिए निवेश करते हैं तो आपको लॉस होने की चांस ज्यादा हो जाता है
अगर वही आप काम से कम 2 से 5 साल के लिए निवेश करेंगे तो आपको प्रॉफिट होने की चांस ज्यादा हो जाएगा
बड़े-बड़े दिग्गजों का मानना है कि जब भी आप निवेश कर लगभग 5 से 10 वर्षों के लिए ही करें जैसे भारत के सबसे बड़े इन्वेस्टर राकेश झुनझुनवाला जी का मानना है कि आप निवेश करते हैं तो कम से कम 5 सालों के लिए ही करें
हाल ही में चर्चा में रहे विजय खेड़िया जी का मानना है कि आप जब भी निवेश करें लगभग 10 वर्षों के लिए ही करें
अमेरिका के माने जाने इन्वेस्टर वारेन बफर जी का मानना है कि इन्वेस्टमेंट आप एक लंबे अवधि के लिए ही करेंगे तभी आपको प्रॉफिट होने की उम्मीद ज्यादा होता है शेयर बाजार में ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग में क्या अंतर है
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Trading या Investment करने से पहले क्या-क्या देखें
ट्रेडिंग या इन्वेस्टमेंट करने से पहले आपको सबसे पहले टेक्निकल एनालिसिस का ज्ञान होना बहुत ही जरूरी होता है बिना टेक्निकल के आप इसमें कुछ नहीं कर सकते हैं
ट्रेडिंग हो या इन्वेस्टमेंट दोनों का तरीका एक ही है इसलिए आपको एक शेयर मार्केट का अच्छा ज्ञान होना बहुत ही आवश्यकता होता है जिसमें हम कुछ पॉइंट को कर किया हूं जिसको पढ़कर आपको यह अनुभव हो जाएगा की आप क्या कर सकते हैं
1 आपको टेक्निकल एनालाइज का अच्छा ज्ञान होना चाहिए जिसमें चार्ट रीडिंग ट्रेंड लाइन सपोर्ट रेजिस्टेंस का ज्ञान होना बहुत महत्वपूर्ण होता है
2 अगर आप ट्रेंडिंग या इन्वेस्टिंग करते हैं तो कंपनी के बारे में अच्छी जानकारी होनी चाहिए जिससे आप उसमें निवेश कर सकते हैं जैसे आज कंपनी का न्यूज़ क्या है क्या कंपनी में आज प्रॉफिट किया है लॉस किया है कंपनी का विजन क्या है क्या सब देखते हुए ही आप निवेश करें अर्थात आपको लॉस होने की प्रोबेबिलिटी ज्यादा हो जाएगा
Conclusion
तो दोस्तों आज हम आपको इस लेख मेंशेयर बाजार में ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग में क्या अंतर है से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी दिया हूं जिसको पढ़कर आपको यह सुनिश्चित कर पाएंगे कि आपके निवेश करना चाहिए या क्रेडिट करना चाहिए अगर आप निवेश करते हैं तो आप ज्यादा प्रॉफिटेबल हो सकते हैं क्योंकि निवेश में लॉस होने की प्रोबेबिलिटी बहुत कम हो जाता है
और अगर आप ऑप्शन ट्रेडिंग करते हैं तो आप बहुत अधिक से भरा जॉब कर रहे हैं जिसमें आपकी प्रॉफिट होने की चांस बहुत कम हो जाता है जिस वजह से मेरा यह मानना है कि आप जब भी निवेश करें लंबे समय के लिए है
क्या आप जब भी इंट्राडे ट्रेडिंग करें तो मोमेंटम ट्रेड ही करें फिर आपका लॉस होने के चांस बहुत कम हो जाता है
कृपया ध्यान दीजिए
हम SEBI द्वारा रजिस्टर कोई वित्तीय सलाहकार नहीं है इसलिए में निवेश करने से पहले एक बार विचार जरूर करें और अपने हिसाब से, अपने रिश्क में ही निवेश करें। शेयर बाजार Risk से भरा हुआ है जिसमें आपका पूरा कैपिटल जीरो हो सकता है आप निवेश करने से पहले अपनी वित्तीय सलाहकार से एक बार जरूर सलाह ले
इंट्राडे ट्रेडिंग क्या होता है
इंसेंट डेट ट्रेडिंग में आपको आज ही Buyऔर आज हीSell करना होता है
इन्वेस्टमेंट कैसे करें
इन्वेस्टमेंट करने के लिए आपको कंपनी के बारे में अच्छी जानकारी होनी चाहिए तथा आपको फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस जरूर आना चाहिए
स्विंग ट्रेडिंग क्या होता है
स्विंग ट्रेडिंग में आप किसी कंपनी के शेयर को एक हफ्ते या दो हफ्ते के लिए लेते हैं और उसमें 10 से 15% का प्रॉफिट होता है तो आप उसमें से निकल जाते हैं