हेलो दोस्तों आज हम इसलिए में आपको फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस में क्या अंतर है के बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाला उसको पढ़कर आपको यह पता चल जाएगा कि फंडामेंटल क्या होता है और टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है
जिसके जरिए आप लंबे समय एवं छोटे समय के लिए निवेश कर सकते हैं तो चलिए हम बात करते हैं जब हम किसी कंपनी में एक लंबे अवधि के लिए निवेश करते हैं तो हमें कंपनी के फंडामेंटल के बारे में संपूर्ण जानकारी होना चाहिए तथा जब भी हम कंपनी में शॉर्ट टर्म के लिए निवेश करते हैं तो हमें उसके टेक्निकल एनालिसिस का आवश्यकता होता है ना कि फंडामेंटल एनालिसिस का
Fundamental Analysis Kya Hai
किसी भी कंपनी का जब हम फंडामेंटल एनालिसिस करते हैं तो हम यह देखते हैं कि उसे कंपनी पर कितना कर्जा है उसे कंपनी का ग्रंथ क्या है तथा वह कंपनी पिछले वर्ष कितना रेवेन्यू जेनरेट किया है उसी के साथ हम या देखते हैं कि कंपनी कितना डिविडेंड देता है प्रतिवर्ष तो चलिए हम फंडामेंटल एनालिसिस करते हैं
1PE Ratio
किसी भी कंपनी में जब हम निवेश करते हैं तो सबसे पहले हम PE Ratio देखते हैं इससे हमें यह अनुमान हो जाता है कि कंपनी में कितना ग्रोथ करने का उम्मीद है इससे कंपनी के वैल्यूएशन का पूरा कंपलीट पता चल जाता है जिसे यह इंडिकेट करता है कि हम इसमें निवेश कर सकते हैं या नहीं 40 से 45 प रेशों वाली कंपनी से हमें निवेश करने से थोड़ा दूरी बनाए रखना होता है क्योंकि इस लेवल का रेशियो जब भी होता है हमें नुकसान हो सकता है
2 P\B Ratio
पी बी अनुपात किसी कंपनी का बुक वैल्यू को नापता है सापेक्ष बाजार का भी मूल्यांकन करता है अगर PB Ratio 1 से ज्यादा है तो इसका मतलब है कि वह कम्पनी ओवर वैल्यूड है और अगर यह रेशियो 1 से कम है तो वह कम्पनी अंडर वैल्यूड है
किसी कंपनी का गणना करना होता है तो हम इस रेशों का उपयोग अच्छा से कर सकते हैं क्योंकि इसी से पता चल जाता है कि हमें लंबा समय के लिए निवेश करना चाहिए या नहीं
3 Debt To Equity Ratio
कंपनी तथा शेयरधारकों के लाभ का गणना करता है जिससे यह मालूम चल जाता है कि कंपनी को कितना प्रॉफिट हुआ है और कंपनी के इन्वेस्टर को कितना प्रतिशत का मुनाफा हुआ है
कंपनी में ड्यूक इक्विटी इक्विटी रेशों ज्यादा हो उसे कंपनी में आप निवेश कर सकते हैं क्योंकि इसमें प्रॉफिट होने का चांस ज्यादा होता है
4 Market Cap
जब भी हम किसी भी कंपनी में निवेश करें तो कंपनी का मार्केट कैप होता है क्योंकि इससे पता चल जाता है की मार्केट में क्या होने वाला है और भविष्य में क्या कंपनी कितना अच्छा प्रदर्शन कर सकता है और अपने निवेशकों को कितना प्रतिशत का लाभ दे सकता है
अगर कंपनी का वैल्यूएशन 500 करोड़ से कम हो तो हमें उसमें निवेश करने से पहले उसे कंपनी का प्रोडक्ट को अच्छा से एनालाइज करना होता है अगर कंपनी का प्रोडक्ट अच्छा है तो हम निवेश कर सकते हैं नहीं तो इस कंपनी में निवेश करना आपके लिए खतरा साबित हो सकता है
अगर कंपनी का मार्केट वैल्यूएशन 2000 करोड़ से ज्यादा होता है तो हम उसमें बिना रिस्क के निवेश कर सकते हैं क्योंकि उसमें हमें लाभ होने का ही चांस रहता है क्योंकि कंपनी का वैल्यूएशन ज्यादा है तो डूबने का भी चांस बहुत कम होता है
5 कंपनी कितना डिविडेंड देता है
अगर कंपनी प्रति वर्ष अपने शेयरधारकों को कुछ डिविडेंड देता है तो वह कंपनी ज्यादा मुनाफा में होता है क्योंकि कंपनी डिविडेंड तभी देता है जब उसको ज्यादा प्रॉफिट होता है जो कंपनी डिविडेंड प्रतिवर्ष दे रहा है उसमें आप निवेश कर सकते हैं
6 कंपनी पर कितना कर्जा है
उसे कंपनी में कभी भी निवेश न करें जिस कंपनी में उसके वैल्यूएशन से ज्यादा कर्ज हो वह कंपनी कभी भी डूबने का चांस होता है जैसे आप रिलायंस कैपिटल को देख सकते हैं कंपनी के वैल्यूएशन से ज्यादा कंपनी पर कर्ज हो चुका था इस वजह से कंपनी का दिवालिया हो गया
7 कंपनी कार्य क्या करता है कंपनी का फ्यूचर प्लान क्या है
आप उसे कंपनी में हमेशा निवेश करें जो कंपनी भविष्य को लेकर काफी चिंतित हो जैसे भविष्य में वह क्या प्रोडक्ट लॉन्च कर सकता है जिससे उसके ग्राहकों को ज्यादा फायदा हो और इन्वेस्टर ज्यादा उसमें निवेश करना चाहिए अगर आप ऐसा कंपनी में निवेश कर रहे हैं जिसका कुछ फ्यूचर ही नहीं है तो उसमें आपको प्रॉफिट होने का चांस बहुत कम होता है आप जब भी निवेश करें कंपनी का प्रोडक्ट एवं कंपनी का फ्यूचर को जरूर एक बार एनालिसिस करें
Technical Analysis क्या है
अगर आप छोटे समय में निवेश करना चाहते हैं या स्विंग ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपके लिए टेक्निकल एनालिसिस का उपयोग करना काफी ज्यादा जरूरी होता है क्योंकि जब हम छोटे समय के लिए निवेश करते हैं तो हमें 20% से 25 % का ही प्रॉफिट चाहिए होता है
इसलिए हम कंपनी का टेक्निकल एनालाइज करते हैं जिसमें हमें यह पता चल जाता है कि हमारा टारगेट क्या हो सकता है और स्टॉप लॉस क्या हो सकता है
अगर मान लीजिए आप इंट्राडे ट्रेड करते हैं तो आपको टेक्निकल एनालिसिस का जरूरत ज्यादा पड़ता है क्योंकि हमें तुरंत बाय और तुरंत सेल करना होता इसलिए हम टेक्निकल एनालिसिस का प्रयोग
टेक्निकल एनालिसिस में हमें सपोर्ट रेजिस्टेंस तथा ट्रेंड लाइन का सपोर्ट देखना ज्यादा जरूरी होता है तभी जाकर हम संपूर्ण टेक्निकल एनालिसिस कर पाते हैं अगर आप टेक्निकल एनालिसिस करना चाहते हैं तो आपको कैंडल लिस्ट का और चार्ट पेटर्न का ज्यादा अनुभव होना चाहिए तब जाकर आप अच्छे से टेक्निकल एनालिसिस कर पाएंगे